9 दुर्लभ वास्तु: दिशा ज्ञान

Veda
0

 1. जो पूर्व दिशा में सिर करके सोता है, वह बुद्धिमान बनता है और स्वस्थ रहता है।

2. जो पश्चिम दिशा में सिर करके सोता है वह चिंताओं में पडता है।

3. जों उत्तर दिशा में सिर करके सोता, वह लाभ और सुख को खोता है।

4. जो पर्व दिशा में मुँह करके खाना खाता, वह लम्बा जीवन जीता है।

5. जो दक्षिण दिशा में मुख करके खाना खाता है, वह बीमार होता है व मान-सम्मान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता।

6.शौच और लघुशंका जाओ, तो सदा उत्तर या दक्षिण दिशा में मुख हो।

7. सदा पूर्व दिशा में मुँह करके नहाओ व मंजन पश्चिम ओर मुख करके करें।

8. पूजा जाप सदा पूर्व या उत्तर मुख करके करें व सफ़ेद वस्त्र उत्तर मुख होकर पहनें।

9. पढ़ाई सदा पूर्व या उत्तर मुख करके करें।

वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे भूमि परिक्षण करें।

भगवान् शिव विश्वकर्मा जी को बताते हैं कि..


सा भूमिरुत्तमा ज्ञेया त्रिरात्राङ्करवर्धिनी।

सा मध्यमा च विज्ञेया पञ्चरात्राङ्करप्रदा ।


मन्दाङ्करप्रदा भूमिरधमा चेति गद्यते। सा वर्ज्या सर्वकार्येषु बीजानां क्षयकारिणी ।।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)