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Showing posts from November, 2024

लेटे हुए प्राचीन हनुमान जी

विश्व का एक मात्र लेटे हुए प्राचीन हनुमान जी का मंदिर उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद प्रयागराज संगम किनारे मैं स्थित है। 1400 साल प्रयागराज का बड़ा हनुमान मंदिर अन्य हनुमान मंदिरों से अलग है। आमतौर पर आपने मंदिरों में हनुमान जी की खड़ी मूर्ति देखी होगी लेकिन इस मंदिर में स्थापित मूर्ति अलग है। आइए आप भी जानिए इस मंदिर की दिलचस्प कहानी। प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर में विराजे हनुमान जी लेटे हुए हैं। इस मूर्ति की लंबाई तकरीबन 20 फीट की है। कहा जाता है कि इस मंदिर में विराजे हनुमान जी को गंगा का पानी स्पर्श करता है। इस मंदिर और मूर्ति के पीछे एक दिलचस्प कहानी सुनाई जाती है। कहा जाता है कि अकबर अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए प्रयागराज आया हुआ था। ऐसे में उन्होंने अपने किले में हनुमान जी की इस मूर्ति के ले जाने का प्रयास किया था। पर मूर्ति बिल्कुल भी नहीं हिली। बताया जाता है कि इस घटना के बाद अकबर को सपना भी आया था जिसके बाद उन्होंने मूर्ति को निकालने का काम रुकवा दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि लेटे हुए हनुमान जी बहुत शक्तिशाली हैं। उन्होंने अकबर को भी हरा दिया था। यह हनुमान मंदिर दुनि...

Mysterious Mandir of Bhagwan Shri Parshuram

Mysterious Mandir of Bharat, Where the huge Axe ( Farsa) of Bhagwan Shri Parshuram is still present Everyone has heard about Parashuram's weapon, Farsa. But do you know that Farsa is still present on earth ? It's claimed that Parashuram's Farsa is buried in a Mandir situated on a hill, which he himself had buried. There is a very mysterious story related to this Axe. Tanginath Dham is situated in a hill in Gumla district, about 150 km from Ranchi, the capital of Jharkhand. Bhagwan Parshuram's axe is present in this Dham.  Tanginath Dham is Dedicated to Bhagwan Shiva Bhagwan Parshuram's Axe is located in Tanginath Dham is under the open sky, but till date it has never rusted. It is no less than a mystery that even after thousands of years it is completely safe and Rust free Tanginath Dham has hundreds of Shivlingas and ancient idols. In 1989, the Archaeological Department had carried out an excavation here, in which many mysterious objects including a diamond-studded...

The EMI Culture: A Beginner's Guide to Breaking Free

Breaking Free from the EMI Trap: A Beginner's Guide Equated Monthly Installments (EMIs) have become a popular way to finance big-ticket purchases like homes, cars, and gadgets. While they offer the convenience of spreading payments over time, it's crucial to understand the potential pitfalls and strategies to avoid getting trapped in a cycle of debt. The Allure and the Danger of EMIs EMIs, on the surface, seem like a hassle-free solution. You can own a desired product immediately and pay for it gradually. However, the high-interest rates associated with these loans can escalate the total cost significantly. Over time, you might find yourself paying more in interest than the actual product's value. How to Escape the EMI Trap  * Be Mindful of Interest Rates:    * Compare Rates: Before opting for a loan, compare interest rates offered by different lenders.    * Opt for Lower Rates: Prioritize loans with lower interest rates to minimize the overall cost.  * Cal...

जीव मनुष्य का अंतिम सत्य

 अर्थी पर पड़े हुए शव पर कपड़ा बाँधा जा रहा है। गिरती हुई गरदन को सँभाला जा रहा है। पैरों को अच्छी तरह रस्सी बाँधी जा रही है, कहीं रास्ते में शव गिर न जाए। गर्दन के इर्दगिर्द भी रस्सी के चक्कर लगाये जा रहे हैं। पूरा शरीर लपेटा जा रहा है। अर्थी बनाने वाला बोल रहा है: ‘तू उधर से खींच’ दूसरा बोलता है : ‘मैने खींचा है, तू गाँठ मार।’ लेकिन यह गाँठ भी कब तक रहेगी? रस्सियाँ भी कब तक रहेंगी? अभी जल जाएँगी और रस्सियों से बाँधा हुआ शव भी जलने को ही जा रहा है बाबा! धिक्कार है इस नश्वर जीवन को! धिक्कार है इस नश्वर देह की ममता को! धिक्कार है इस शरीर के अभिमान को! अर्थी को कसकर बाँधा जा रहा है। आज तक तुम्हारा नाम सेठ, साहब की लिस्ट (सूची) में था। अब वह शव की लिस्ट में आ गया। लोग कहते हैं ‘शव को बाँधो जल्दी से।’ अब ऐसा नहीं कहेंगे कि ‘सेठ को, साहब को, मुनीम को, नौकर को, संत को, असंत को बाँधो…’ पर कहेंगे, ‘शव को बाँधो।’ हो गया हमारे पूरे जीवन की उपलब्धियों का अंत। आज तक हमने जो कमाया था वह हमारा न रहा। आज तक हमने जो जाना था वह मृत्यु के एक झटके में छूट गया। हमारे इन्कम टेक्स (आयकर) के कागजातों को,...

शालिग्राम क्या है ? क्या है इसका महत्व ??

शालिग्राम एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर है। धार्मिक आधार पर इसका प्रयोग परमेश्वर के प्रतिनिधि के रूप में भगवान का आह्वान करने के लिए किया जाता है। शालिग्राम मूलरूप से नेपाल में स्थित दामोदर कुंड से निकलने वाली काली गंडकी नदी से प्राप्त किया जाता है। इसलिए शालिग्राम को गंडकी नंदन भी कहते हैं। वैष्णव (हिंदू) पवित्र नदी गंडकी में पाए जानेवाला एक गोलाकार, आमतौर पर काले रंग के एमोनोइड (Ammonoid) जीवाश्म को विष्णु के प्रतिनिधि के रूप में पूजते हैं। शालिग्राम भगवान विष्णु का प्रसिद्ध नाम है। जो इन्हें देवी वृंदा के शाप के बाद मिला नाम है। हिंदू धर्म में शालिग्राम को सालग्राम के रूप में भी जाना जाता है। शालिग्राम का संबंध सालग्राम नामक गांव से भी है। यह गांव नेपाल में गंडकी नामक नदी के किनारे पर स्थित है। शिवलिंग और शालिग्राम को भगवान का विग्रह रूप माना जाता है और पुराणों के अनुसार भगवान के इस विग्रह रूप की ही पूजा की जानी चाहिए। शिवलिंग के तो भारत में लाखों मंदिर हैं, लेकिन शालिग्रामजी का एक ही मंदिर है। हिंदू धर्म में आमतौर पर मानवरूपी धार्मिक मूर्तियों के पूजन की प्रथा है। लेकिन इन मूर्तियों क...

4 big IPOs open next week amid Dalal Street slump

After a quiet week, the primary market is set to see a lot of action starting from November 4, with four big IPOs launching, including the highly anticipated Swiggy IPO. Alongside these, there will be one public issue from the SME segment. This optimism comes despite Dalal Street experiencing a bearish phase since October. The benchmark Nifty 50 index has dropped 7.5% from its September 27 peak, affected by weaker-than-expected September quarter earnings, foreign investment shifting from India (due to high valuations) to cheaper markets like China, and geopolitical tensions in the Middle East. Despite the downturn, six mainboard companies, including Hyundai Motor India’s big IPO, closed successfully in October, raising a total of Rs 38,700 crore. November is expected to be similar, as Swiggy’s IPO, the second-largest IPO of this year, is set to open next week and is expected to give a strong start to the new trading year, Samvat 2081. In Samvat 2080, 85 companies in the mainboard segme...

9 दुर्लभ वास्तु: दिशा ज्ञान

 1. जो पूर्व दिशा में सिर करके सोता है, वह बुद्धिमान बनता है और स्वस्थ रहता है। 2. जो पश्चिम दिशा में सिर करके सोता है वह चिंताओं में पडता है। 3. जों उत्तर दिशा में सिर करके सोता, वह लाभ और सुख को खोता है। 4. जो पर्व दिशा में मुँह करके खाना खाता, वह लम्बा जीवन जीता है। 5. जो दक्षिण दिशा में मुख करके खाना खाता है, वह बीमार होता है व मान-सम्मान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता। 6.शौच और लघुशंका जाओ, तो सदा उत्तर या दक्षिण दिशा में मुख हो। 7. सदा पूर्व दिशा में मुँह करके नहाओ व मंजन पश्चिम ओर मुख करके करें। 8. पूजा जाप सदा पूर्व या उत्तर मुख करके करें व सफ़ेद वस्त्र उत्तर मुख होकर पहनें। 9. पढ़ाई सदा पूर्व या उत्तर मुख करके करें। वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे भूमि परिक्षण करें। भगवान् शिव विश्वकर्मा जी को बताते हैं कि.. सा भूमिरुत्तमा ज्ञेया त्रिरात्राङ्करवर्धिनी। सा मध्यमा च विज्ञेया पञ्चरात्राङ्करप्रदा । मन्दाङ्करप्रदा भूमिरधमा चेति गद्यते। सा वर्ज्या सर्वकार्येषु बीजानां क्षयकारिणी ।।

शास्त्रों के अनुसार भाई दूज के महत्व क्या है ??

शास्त्रों के अनुसार भैयादूज अथवा यम द्वितीया को मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को अपने घर आमंत्रित कर अथवा सायं उनके घर जाकर उन्हें तिलक करती हैं। और भोजन कराती हैं। ब्रजमंडल में इस दिन बहनें भाई के साथ यमुना स्नान करती हैं, जिसका विशेष महत्व बताया गया है। भाई के कल्याण और वृद्धि की इच्छा से बहने इस दिन कुछ अन्य मांगलिक विधान भी करती हैं। यमुना तट पर भाई-बहन का समवेत भोजन कल्याणकारी माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं। उन्हीं का अनुकरण करते हुए भारतीय भ्रातृ परम्परा अपनी बहनों से मिलती है और उनका यथेष्ट सम्मान पूजनादि कर उनसे आशीर्वाद रूप तिलक प्राप्त कर कृतकृत्य होती हैं। बहनों को इस दिन नित्य कृत्य से निवृत्त हो अपने भाई के दीर्घ जीवन, कल्याण एवं उत्कर्ष हेतु तथा स्वयं के सौभाग्य के लिए अक्षत (चावल) कुंकुमादि से अष्टदल कमल बनाकर इस व्रत का संकल्प कर मृत्यु के देवता यमराज की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। इसके पश्चात यमभगिनी यमुना, चित्रगुप्त और यमदूतों की पूजा करनी चाहिए। तदंतर भाई के तिलक लगाकर भोजन कराना...