कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष: पौराणिक कथाएं

Veda
0
कृष्ण पक्ष की शुरुआत: एक पौराणिक कथा के अनुसार, प्रजापति दक्ष की 27 पुत्रियां थीं, जिनका विवाह चंद्रमा से हुआ। 

चंद्रमा अपनी पत्नी रोहिणी से अधिक प्रेम करते थे और बाकी पत्नियों को नजरअंदाज करते थे, जिससे प्रजापति दक्ष ने उन्हें क्षय रोग का श्राप दिया। इस श्राप के कारण चंद्रमा का तेज घटने लगा और कृष्ण पक्ष की शुरुआत हुई।

शुक्ल पक्ष की शुरुआत: चंद्रमा ने भगवान शिव की आराधना की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण कर लिया। 

शिवजी के प्रताप से चंद्रमा का तेज फिर से लौटने लगा और शुक्ल पक्ष की शुरुआत हुई।

इस प्रकार, शुक्ल पक्ष को प्रकाश और शुभता का प्रतीक माना जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष को अंधकार और ह्रास का।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)