नवग्रह वैदिक मंत्र ✨: ग्रहों के शांति और उनसे संबंधित दोषों को दूर करने के लिए जाप

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नवग्रह वैदिक मंत्र (Navagraha Vedic Mantras) विद्यमान नौ ग्रहों (नवग्रहों) को प्रशंसा और अभिवादन के लिए उपयोग किए जाने वाले संस्कृत मंत्र हैं। ये मंत्र विशेष रूप से ज्योतिष और धार्मिक आयाम से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवग्रहों में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु शामिल होते हैं।

नवग्रह वैदिक मंत्र (Navagraha Vedic Mantras)


नवग्रह वैदिक मंत्र, जिन्हें ग्रहों की शांति और उनसे संबंधित दोषों को दूर करने के लिए जाप किया जाता है, वैदिक संस्कृत में हैं। निम्नलिखित वे नवग्रह वैदिक मंत्र हैं:

सूर्य का वैदिक मंत्र:

ओम आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो विनेशयन्नमृतं मत्र्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

चंद्रमा का वैदिक मंत्र:

ओम इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठयाय महते जानराज्यायेनद्रस्येन्द्रियाय।इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणाना राजा।।

भौम का वैदिक मंत्र:

ओम अ​ग्निर्मूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्। अपा रेता सि जिन्वति।।

ओम उद्बुण्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च। अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वे देवा यजमानश्च सीदत।।

गुरु का वैदिक मंत्र:

ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।

शुक्र का वैदिक मंत्र:

ओम अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत्क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:। ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपान शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयो अमृतं मधु।।

शनि का वैदिक मंत्र:

ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।

राहु का वैदिक मंत्र:

ओम कया ​नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा। कया शचिष्ठया वृता।।

केतु का वैदिक मंत्र

ओम केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे। समुषद्भिरजायथा:।।

नौ ग्रह के दूसरे मंत्र

Navgrah Yantra


  1. सूर्य (Sun) - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। (Om Hraam Hreem Hroum Sah Suryaya Namah)
  2. चन्द्रमा (Moon) - ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः। (Om Shraam Shreem Shroum Sah Chandramase Namah)
  3. मंगल (Mars) - ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः। (Om Kram Kreem Kroum Sah Bhaumaya Namah)
  4. बुध (Mercury) - ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः। (Om Bram Breem Broum Sah Budhaya Namah)
  5. बृहस्पति (Jupiter) - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। (Om Gram Greem Groum Sah Gurave Namah)
  6. शुक्र (Venus) - ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। (Om Draam Dreem Droum Sah Shukraya Namah)
  7. शनि (Saturn) - ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। (Om Praam Preem Proum Sah Shanishcharaya Namah)
  8. राहु (Rahu) - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। (Om Bhraam Bhreem Bhroum Sah Rahave Namah)
  9. केतु (Ketu) - ॐ सर्वग्रहभ्यो नमः। (Om Sarvagrahbyo Namah)

ये मंत्र नवग्रहों की शक्ति को स्तुति करने और इनके कारण होने वाले दोषों को निवारण करने में मदद करते हैं। इन मंत्रों का विधिवत जाप करने से नवग्रहों की कृपा मिलती है और जीवन में समृद्धि, शांति, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। ध्यान रखें कि नवग्रह वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते समय नियमितता और श्रद्धा के साथ करना चाहिए।

यदि आप नवग्रह वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहते हैं, तो आपको इन मंत्रों का विशेष ध्यान धारण करना चाहिए और अनुष्ठान का पालन करना चाहिए। यह समय, दिनांक और विधि आपके पंडित या धार्मिक गुरु से पूछकर करना उचित रहेगा।

कृपया ध्यान दें कि ग्रहों के प्रभावों को समझने और नवग्रह मंत्रों का जाप करने के लिए आपको विशेषज्ञ वैदिक ज्योतिषाचार्य की सलाह लेनी चाहिए। यह किसी भी स्त्री, पुरुष या बालक को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए होता है और विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए।

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