महत्व:
गंगा दशहरा का उत्सव प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, जो गंगा जी का धरती पर अवतरण दिवस है। गंगा दशहरा एक प्राचीन हिंदू त्यौहार है जो गंगा नदी की पूजा और ध्यान को समर्पित है। यह उत्सव भारत के विभिन्न हिस्सों में धूम धाम से मनाया जाता है, जैसे कि उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में।
गंगा दशहरा के उत्सव का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय है। धार्मिक रूप से, इस उत्सव को गंगा नदी के अस्तित्व, शक्ति और पवित्रता की मान्यता का प्रतीक माना जाता है। सांस्कृतिक रूप से, गंगा दशहरा उत्सव गंगा नदी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है जो भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
गंगा दशहरा इस बार 30 मई 2023, मंगलवार के दिन पड़ रहा है
शास्त्रों के अनुसार, लोमश ऋषि ने युधिष्ठिर को गंगा मां की कथा सुनाई थी जिसमें महाराज भगीरथ को ब्रह्माण्ड की पवित्र नदी गंगा को धरती पर लाने का श्रेय दिया गया था। भगीरथ ने कठोर तपस्या की थी और उनका उद्देश्य था अपने पूर्वजों को मोक्ष प्रदान करना। भगीरथ की तपस्या सफल हुई और गंगा मां धरती पर आईं जिसका रंग भी बदल गया था।
भगीरथ ने ब्रह्मा जी से दो वरदान मांगे, पहला था उनके पूर्वजों की मुक्ति के लिए गंगाजल, और दूसरा था उनके वंश को आगे बढ़ाने के लिए पुत्र की आवश्यकता। ब्रह्मा जी ने दोनों वरदान दे दिए और साथ में कहा कि गंगा का वेग इतना तेज होगा कि धरती उसको संभाल नहीं सकेगी। इसके लिए भगीरथ ने भगवान शिव की मदद ली जिन्होंने गंगा मां को अपने मस्तक पर धारण कर लिया।
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
गंगा दशहरा तिथि प्रारंभ- 29 मई 2023-11:49
गंगा दशहरा तिथि समाप्त- 30 मई 2023- 1:07 (दोपहर)
मंत्र
गंगा में स्नान करते वक्त इस मंत्र का जाप जरुर करें.
ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'